Best 100+ Mafia Shayari in Hindi with Images [2025]

रिश्ते तोड़ दिए हमनें अपने सलीकों के लिए

Mafia Shayari in Hindi: Hello readers, आज मैं आपके लिए कुछ खास माफिया शायरी लेकर आया हूँ। ये शायरी उन लोगों के लिए हैं जो ज़िंदगी की सख्त राहों पर चलते हैं। माफिया शायरी में हिम्मत, जज़्बा और बेबाकी झलकती है। ये शायरी दिल के जज्बातों को बयां करती हैं, जिसमें ताकत और आत्मविश्वास साफ नजर आता है। माफिया जीवन में जो संघर्ष और जंग होती है, उसे शब्दों में खूबसूरती से पेश किया जाता है।

अगर आप माफिया स्टाइल और शेर सुनना पसंद करते हैं, तो ये शायरी आपके दिल को छू जाएंगी। मैंने इसे इस तरह लिखा है कि हर लाइन में दम हो और हर शेर पढ़ते ही आपको अपनी ताकत का एहसास हो। ये शायरी आपके स्टाइल को और भी खास बनाएंगी और आपको अलग पहचान देंगी।

रिश्ते तोड़ दिए हमनें अपने सलीकों के लिए

रिश्ते तोड़ दिए हमनें अपने सलीकों के लिए
ताक़त दिखाते हैं वो जो करते हैं फ़ैसलों के लिए
हम वो माफिया हैं जो डर से नहीं डरे
जो भी सामने आया, उसी को हमने झुका दिया झुके
जिनके दिल में हो जज़्बा और हो जुनून
उनके लिए मुश्किल है ये दुनिया की कोई धुन
हमारा रास्ता खून से लिखा हुआ है
जहाँ हम चलें, वहाँ कानून भी झुका हुआ है
किस्मत में लिखा है हमारा राज़ अंधेरा
फिर भी हम चलें हैं अपनी राह पे ज़मीं से ऊँचा कैरा
हम वो शेर हैं जो कभी नहीं हारते
दुनिया की भीड़ में हम अकेले ही जीत पाते
हमारे पास है वो ताक़त जो बदल दे सब कुछ
हमारे नाम से डरता है यहाँ हर एक बुत कुछ
माफिया हूँ मैं, मेरा दिल है सख्त पत्थर
जो भी हुआ सामने, हमने उसे तोड़ा और बढ़े आगे
ज़िंदगी की इस जंग में हमने कई जख्म खाए
फिर भी हम थे वो जो कभी पीछे नहीं हटे झुकाए
हमारी बातें नहीं, हमारे काम बताते हैं
जो भी सामने आए, उसे हमने नजरों से हरबात किया है
माफिया हैं हम, इस राह में अकेले चलेंगे
हर मुश्किल को जीत कर, अपनी ताक़त दिखाएंगे
दुनिया चाहे कुछ भी कहे, हम अपनी राह पर चलेंगे
जो भी होगा सामने, उसे ज़बरदस्त झटका देंगे
दिल में आग है, आँखों में नशा सा छाया है
माफिया की दुनिया में ये सब चलता है भाईया है हमारे जज़्बातों को न कोई समझ पाया
हमारे जज़्बातों को न कोई समझ पाया
जो भी हमें टकराए, हमने उसे हराया
हम वो जो कभी नहीं घबराए मुश्किल में
हमारा नाम सुनते ही कट जाती है हवा भी चल में
जो भी सामने आए, उसे नीचे गिरा दिया
हमारे जज़्बे को किसी ने कभी तोड़ा नहीं किया
माफिया हूँ मैं, रास्ते पर चलने वाला
जो भी सामने आए, उसे पल में मारने वाला
खून से लिखा है ये हमारा सफ़र
हमारा नाम सुनते ही सबको हो डर
हम वो जो बिना डरे अपनी बात कहते हैं
जो भी खिलाफ आए, उसे मैदान छोड़ देते हैं
हमारी आँखों में है आग और दिल में जज़्बा
माफिया की दुनिया में हर दिन है नया सफ़र
हमने सीखा है जीना इस दर्द के साथ
जो भी हमारा दुश्मन, उसे किया हमने खत्म साath
माफिया की राह में कोई नहीं होता साथी
हमारे लिए सिर्फ़ है अपनी ताक़त की बाती
जो भी टकराए, उसे हमने गिराया
हमारी ताक़त से सबको डर लग गया साया
हम वो हैं जो कभी नहीं झुके
जो भी आए सामने, उसे हमने झुका दिया मुके
हमारी शान में है एक अलग ही बात
माफिया की दुनिया में हम रहते हैं साथ-साथ
जो भी सामने आए, उसे हमने खत्म किया
हमारी ताक़त से कोई मुकाबला नहीं किया
हम वो जो हर जंग जीत गए
जो भी सामने आए, उसे डरते देख गए
हमारे कदमों की आहट से काँपता जहाँ
माफिया हैं हम, चलती है अपनी ही पहचान

दिल में है जज़्बा और आँखों में आग
जो भी हमें टकराए, उसे किया हमने भाग

हमारे नाम की गूंज है हर गली और सड़क पर
जो भी टकराए, उसने देखी अपनी हिम्मत की जगह पर
हम वो माफिया हैं जो कभी नहीं रुकते
जो भी आए सामने, उसे पल में दबाते हैं
जोश हमारा नहीं कभी कम होगा
माफिया की दुनिया में हमारा नाम होगा
हमने सीखा है जीतना दर्द के साथ
जो भी सामने आए, उसे किया हमने साथ हम वो हैं जो डरते नहीं कभी
हम वो हैं जो डरते नहीं कभी
जो भी आए सामने, उसे किया हमने चुप्पी
माफिया की दुनिया में है हमारी ताक़त
जो भी टकराए, उसे दिया हमने सख़्त राज़
हम वो जो चलते हैं अपनी मर्ज़ी से
जो भी आए सामने, उसे किया हमने तड़पि से
हमारे दिल में बस है आग और जुनून
जो भी सामने आए, उसे किया हमने नून
जो भी हमें टकराए, हमने उसे गिराया
हमारी ताक़त से सबको डर लग गया साया
हम वो हैं जो कभी नहीं झुके
जो भी आए सामने, उसे हमने झुका दिया मुके
हमारी शान में है एक अलग ही बात
माफिया की दुनिया में हम रहते हैं साथ-साथ
जो भी सामने आए, उसे हमने खत्म किया
हमारी ताक़त से कोई मुकाबला नहीं किया
हम वो जो हर जंग जीत गए
जो भी सामने आए, उसे डरते देख गए
हमारे कदमों की आहट से काँपता जहाँ
माफिया हैं हम, चलती है अपनी ही पहचान
दिल में है जज़्बा और आँखों में आग
जो भी हमें टकराए, उसे किया हमने भाग
हमारे नाम की गूंज है हर गली और सड़क पर
जो भी टकराए, उसने देखी अपनी हिम्मत की जगह पर
हम वो माफिया हैं जो कभी नहीं रुकते
जो भी आए सामने, उसे पल में दबाते हैं
जोश हमारा नहीं कभी कम होगा
माफिया की दुनिया में हमारा नाम होगा
तेरे शहर में आके, हमने हुकूमत की,
मौत को गले लगाया, फिर ज़िंदगी से खेला किया।
रिश्ते कट गए सब, जब बंदूक हमारे हाथ आई,
सुन ले कहानी मेरी, जहां मौत भी साथ आई।
रंगीन दुनिया में हमने साया रखा है काला,
माफिया हूँ मैं, मेरी दुनिया है जंग का मेला।
दिलों को चीर के निकाला, अपना हुक्म चलाया,
जिसने भी सामना किया, उसकी मिट्टी मिलाया।
मोहब्बत नहीं हमसे, बस डर को सजाया,
जो भी करीब आया, उसे मौत से मिलाया।
खौफ की एक दीवार, हमारे नाम की लिखी,
हम वो साया हैं, जो मौत को भी रौंदते हैं।
सड़कें सुनसान हो जातीं जब कदम हमारे पड़ते,
जिसने भी देखा हमें, जिंदगी से डरने लगा।
हमने बंदूक को अपनी ज़ुबान बनाया,
जो भी झुका, वही हमारा अफसाना लिखा।
जहाँ हम गए, वहाँ अमन का नाम नहीं रहा,
माफिया हूँ मैं, मुझे कोई हरा नहीं सकता।
हर गली में हमारी दहशत की हवा बहती,
जहाँ भी जाऊं, बस डर का साया होता है।
क़ानून के चक्कर में न पड़, हम तो वो बाज़ हैं,
जो उड़ाते हैं दुश्मनों के सर के बाज़ हैं।
जीवन नहीं, ये जंग है हमारी पहचान,
मौत के साए में भी मुस्कुराना है ग़ज़ब। हाथ में बंदूक और दिल में आग रखी है,
हाथ में बंदूक और दिल में आग रखी है,
जो भी विरोध करे, उसकी रूह तक राख रखी है।
न कोई दोस्त, न कोई दुश्मन यहाँ,
बस माफिया की कहानी चलती यहाँ।
हम वो अफसाना हैं, जो हर जुबां पे रहता,
जिसकी आवाज़ सुन, हर दिल थरथराता।
ज़माने की भीड़ में हम अकेले रहते,
डर और इज्ज़त का खेल हम निभाते।
किस्मत से नहीं, हिम्मत से लड़ते हैं,
हमारे आगे सबसे बड़े भी झुकते हैं।
रात की चादर में हम राज छुपाते,
जिसे देख न सके कोई, हम उसे हराते।
हमारे कदमों की आहट से डर लगता है,
जो सामने आए, उसे मौत तक मिलती है।
माफिया हूँ मैं, मेरा नाम भी एक दहशत,
जिसे सुनते ही काँप जाती है हर रात।
धुआं-धुआं होती हैं गली-गली मेरी बातें,
हम वो आग हैं, जो बुझती नहीं कभी रातें।
किसी की न सुनी, किसी को न बताया,
हमने अपनी दुनिया खुद ही बनाया।
दिल नहीं, ये बंदूक का दिल है मेरा,
जो भी मेरा दुश्मन, उसकी आख़िरी किस्मत मेरा।
तू चाहे लाख समझ ले मुझे, मैं अपनी राह पर चलता,
डर के साए में भी, जीत का जश्न मनाता।
जिन्हें देख के डरते हैं लोग, वही मेरा असली घर,
जहाँ भी जाऊं, सिर्फ माफिया का डंका बजता।
ग़ुलाम नहीं, मैं खुद अपना बादशाह हूँ,
मौत को भी चिढ़ाता, ज़िंदगी का राजा हूँ।
मेरी जुबां बंदूक की गोली सी तेज़,
जो भी मेरे सामने, उसका सफ़र होता बेहाल।
कोई रोक न सके मुझे, कोई थाम न पाए,
जहाँ भी जाऊं, बस अपनी हुकूमत बढ़ाऊं।
रिश्ते नहीं बनते यहाँ, बस फासले होते हैं,
माफिया हूँ मैं, अपनी दुनिया खुद रचता हूँ।
ज़हर सी है मेरी बात, आग सी है मेरी चाल,
जिसने भी मुझसे टकराया, उसका हुआ मलाल।
दूर रहना मुझसे, वरना पछताएगा,
मेरी दुनिया में जो आया, वो कभी ना मुस्काएगा।
किस्मत नहीं, मेरी ताक़त है मेरी बंदूक,
जो भी आया मेरे सामने, उसे मिली मौत की झलक।
आँखों में जोश और दिल में आग जलती,
हम वो नाम हैं, जो हर जुबां पर चलती।
ज़माना देखेगा, माफिया का राज चलेगा,
जिसने भी ठोकर मारी, उसका सफ़र खत्म होगा।
चुपचाप चलता हूँ, पर खौफ बड़ा लाता,
जिसे देख के भी कोई पल भर ठहर जाता।
मौत से दोस्ती है, ज़िंदगी से दिल्लगी नहीं,
माफिया हूँ मैं, खेल मेरा खतरनाक सही।
हर रात मेरी दहशत का आलम देखती,
हर गली मेरी कहानियाँ सुनती।
तू समझ न पाएगा, ये माफिया की भाषा,
जो भी समझे, वो मेरी गाथा।
दुनिया ने सीखा है मुझसे डरना,
जहाँ भी जाऊं, बस साया मेरा।
ज़ंजीरें नहीं, मैं आज़ाद हूँ, माफिया,
जो भी टकराए, उसे भुगतना पड़ेगा।
हमारी आवाज़ है गूँजती सड़कों में,
जो भी समझे, वो डर जाए पलकों में। मौत के साए में जीते हैं हम,
मौत के साए में जीते हैं हम,
माफिया हूँ मैं, ये कहानी सभी समझ।
हर कदम पर है मेरी छाया,
जो भी आए सामने, उसकी मिट्टी उड़ाया।
ज़िंदगी को नहीं, जंग को चुना है,
माफिया हूँ मैं, तुझसे जीतना है।
रात की तन्हाई में मेरी दहशत,
जिसे देख कोई, समझे मौत की बात।
तू समझ न पाएगा, ये माफिया का दिल,
जो भी सामने आए, उसके लिए ग़म का सिलसिल।
किस्मत नहीं, मेरी बंदूक मेरा हथियार,
जो भी टकराए, उसे मिले बार-बार।
दिल में जज़्बा, हाथों में बल,
माफिया हूँ मैं, और हूँ सबसे जल।
किसी की दुआ नहीं, किसी की मदद नहीं,
हमारी दुनिया में बस बस मौत की सदी।
हम वो कहानी हैं, जो हर दिल में बसी,
माफिया हूँ मैं, मेरी जुबां है कसी।
जो भी आया, उसे हमने दिखाया,
हमारा खौफ, उसकी रूह ने पचाया।
रास्ता अपना, मंज़िल अपना,
माफिया हूँ मैं, फिर भी अजनबी सा।
जीवन नहीं, जंग का खेल खेला,
जिसे भी हराया, उसकी दुनिया जली।
हम वो लोग हैं, जो डर को अपनाए,
माफिया हूँ मैं, खून से नहीं डराए।
तू डर जा मुझसे, वरना पछताएगा,
मेरे साए में कोई भी बच न पाएगा।
धूल से खेला, आग से दोस्ती,
माफिया हूँ मैं, मौत मेरी ज़रूरी।
हर बात में खौफ, हर कदम में ज़हर,
माफिया हूँ मैं, तेरे लिए डर।
सुन ले मेरी दास्ताँ, ये माफिया की शान,
जिसे देख हर कोई बोला, “ये है जान।”
रिश्तों को तोड़ा, और डर को बसाया,
माफिया हूँ मैं, अपनी ताक़त दिखाया।
हर गली मेरी दहशत की मिसाल,
जिसने भी टकराया, उसकी हुई बर्बाद हाल।
मौत के साए में मुस्कुराता हूँ,
माफिया हूँ मैं, ये ज़िंदगी निभाता हूँ।
ना दोस्त, ना दुश्मन, बस खुद की दुनिया,
जिसे देख सब डरें, यही मेरी ज़ुबानी।
तेरी तरह नहीं, जो हार मान जाए,
माफिया हूँ मैं, जो लड़के जीत जाए।
जिसने भी टकराया, उसकी रूह खो गई,
माफिया हूँ मैं, मेरी बातों में आग लगी।
हमारे रास्ते में कोई रुक न पाए,
जो भी सामने आया, उसकी ज़िंदगी छीन ली।
मौत के साथ दोस्ती, ज़िंदगी से जंग,
माफिया हूँ मैं, ये है मेरा रंग।
तेरी नज़रें मत घुमाओ, नहीं तो पछताओ,
हम माफिया हैं, हमसे टकराओ मत।
रात के सन्नाटे में हमारी गूँज है,
जो भी सुने, उसका दिल धड़कता है।
माफिया हूँ मैं, मौत का साया हूँ,
जहाँ भी जाऊं, सिर्फ डर का माया हूँ।
अपनी दुनिया में अकेला चलना सिखा,
जो भी आया सामने, उसे सबक सिखा।
ख़ून के खेल में हम सबसे आगे,
माफिया हूँ मैं, हर जीत है सजे।
मौत की हँसी, ज़िंदगी का खेल,
हम माफिया हैं, हमसे न टकराओ मेल।
तू समझ न पाएगा मेरी इस दास्ताँ को,
जो भी देखा हमें, उसका दिल कांप गया।
हर गली में हमारा नाम डराता है,
हम माफिया हैं, हर दिल को डराता है।
रिश्ते तोड़ दिए, ज़िंदगी में खेल खेले,
माफिया हूँ मैं, मौत के मेल से।
तेरी हिम्मत का मुँह तोड़ दूंगा,
जो भी आए, उसको मौत दे दूंगा।
मैं हूँ वो माफिया, जिसका नाम सुनते ही,
हर दिल में डर और हर आँख में आंसू आते हैं।
मौत के साए में चलना मेरा फ़न है,
जो भी टकराए, उसे ये ग़म है।
हर गली मेरी दहशत की गाथा कहती,
माफिया हूँ मैं, जो जीत की बात कहती।
किस्मत नहीं, मैं अपनी ताक़त हूँ,
माफिया हूँ मैं, ये मेरा राज़ हूँ।
दिल में जज़्बा, हाथ में बंदूक,
हम माफिया हैं, मौत से खेलते हैं।
राहों में छुपा है मेरा खौफ,
जो भी आए, उसकी ज़िंदगी हो दूँ आफत।
माफिया हूँ मैं, मेरी दुनिया अलग,
जो भी झुका, वो मेरा भाग।
आँखों में आग, दिल में धड़कन,
हम माफिया हैं, मौत की शिकंजा में।
तेरी दुनिया में मैं साया हूँ,
जो भी देखे, डरता है मेरा नाम।
मेरी जुबां बंदूक की गोली सी तेज़,
जो भी टकराए, उसकी कहानी बेमेल।
दिल नहीं, ये हुक्म मेरा हथियार,
माफिया हूँ मैं, मेरी रूह का आधार।
जो भी आए सामने, उसका सफ़र खत्म,
हम माफिया हैं, मौत का संग।
तेरी नज़रें मत घुमाओ, वरना पछताओ,
हम माफिया हैं, हमसे टकराओ मत।
हर गली में मेरा नाम गूंजता,
माफिया हूँ मैं, जो सबको डराता।
जो भी आया, उसका सफ़र खत्म,
माफिया हूँ मैं, ज़िंदगी से नाता टूट।
मौत के साए में जीते हैं हम,
माफिया हूँ मैं, ये दुनिया समझ।
तेरे शहर में आके, हमने हुकूमत की,
मौत को गले लगाया, फिर ज़िंदगी से खेला किया। Also Check:- Best 100+ Safar Shayari In Hindi with Images [2025]

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