जिंदगी की इस भागदौड़ में कभी-कभी कुछ ऐसा पढ़ना चाहिए जो दिल को छू जाए और सोचने पर मजबूर कर दे। अहमद फ़राज़ की शायरी exactly वैसी ही है – love, pain, और social issues को इतने simple words में बुनते हैं कि लगता है जैसे कोई अपना ही दर्द बता रहा हो। मैं खुद इनकी lines पढ़कर घंटों खो जाता हूं, खासकर जब mood उदास हो। 2025 में भी ये shayari fresh लगती हैं, क्योंकि emotions तो timeless होते हैं। तो आज मैं आपके लिए 100+ best Ahmad Faraz shayari in Hindi लेकर आया हूं। इन्हें categories में बांटा है ताकि आसानी से पढ़ सको। Share करना न भूलना, क्योंकि poetry बांटने से दिल हल्का हो जाता है।
अहमद फ़राज़ कौन हैं? एक छोटा सा Introduction
Dosto, अहमद फ़राज़, असली नाम सैयद अहमद शाह, का जन्म 1931 में पाकिस्तान के कोहाट में हुआ था। Modern Urdu poetry के giants में शुमार, उन्होंने ghazals और nazms लिखीं जो love की गहराई से लेकर political resistance तक cover करती हैं। Rekhta जैसे platforms पर उनकी poetry आसानी से मिल जाती है। 2008 में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी lines आज भी mushairas में गूंजती हैं। SEO की बात करें तो “Ahmad Faraz Shayari in Hindi” searches में top पर आती हैं, क्योंकि लोग romantic और sad moments के लिए यही ढूंढते हैं।
टॉप 20 अहमद फ़राज़ शायरी – दिल को छूने वाली
ये top picks हैं जो हर बार नया feel देते हैं। Simple language में hidden depth।
- रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।
- अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें, जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।
- सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं, सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं।
- तुम तकल्लुफ को भी इख्लास समझते हो ‘फ़राज़’, दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला।
- आंख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा, वक्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।
- मैं क्या कहूं कि मुझे सब्र क्यों नहीं आता, मैं क्या करूं कि तुझे देखने की आदत है।
- हम तेरे शौक में यूं खुद को गंवा बैठे हैं, जैसे बच्चे किसी त्यौहार में गुम हो जाएं।
- दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है, और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता।
- फुरसत मिले तो कभी हमें भी याद कर लेना ‘फ़राज़’, बड़ी पुर रौनक होती हैं यादें हम फकीरों की।
- ऐसा डूबा हूं तेरी याद के समंदर में ‘फ़राज़’, दिल का धड़कना भी अब तेरे कदमों की सदा लगती है।
- आज इक और बरस बीत गया उसके बगैर, जिसके होते हुए होते थे जमाने मेरे।
- वहां से एक पानी की बूंद ना निकल सकी ‘फ़राज़’, तमाम उम्र जिन आंखों को हम झील लिखते रहे।
- ये अब जो आग बना शहर शहर फैला है, यही धुआं मेरी दीवारों दर से निकला था।
- बदन में आग सी है चेहरा गुलाब जैसा है, कि ज़हर-ए-ग़म का नशा भी शराब जैसा है।
- इसे कभी कोई देखे कोई पढ़े तो सही, दिल आईना है तो चेहरा किताब जैसा है।
- मुझ से पहले तुझे जिस शख्स ने चाहा, उसने शायद अब भी तेरा गम दिल से लगा रख्खा हो।
- एक बे-नाम सी उम्मीद पे अब भी शायद, अपने ख्वाबों के जज़ीरों को सजा रख्खा हो।
- यूं ही मौसम की अदा देख के याद आया है, किस कदर जल्द बदल जाते हैं इंसां जानां।
- कितना आसां था तेरे हिज्र में मरना जानां, फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते।
- ये ख्वाब है खुशबू है कि झोंका है कि पल है, ये धुंध है बादल है कि साया है कि तुम हो।
प्रेम पर अहमद फ़राज़ की 30+ शायरी – Love की गहराई
Love shayari में फ़राज़ का touch unique है। Romantic moments के लिए perfect।
- जब भी दिल खोल के रोए होंगे लोग, आराम से सोए होंगे।
- जिस सिम्त भी देखूं नजर आता है कि तुम हो, ऐ जान-ए-जहां ये कोई तुम सा है कि तुम हो।
- किसे खबर वो मोहब्बत थी या रकाबत थी, बहुत से लोग तुझे देख कर हमारे हुए।
- हमको अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तेरा, कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रख्खे।
- ज़िंदगी तेरी अता थी सो तेरे नाम की है, हमने जैसे भी बसर की तेरा एहसान जानां।
- अव्वल अव्वल की मोहब्बत के नशे याद तो कर, बे-पिए भी तेरा चेहरा था गुलिस्तान जानां।
- तू सामने है तो फिर क्यों यकीं नहीं आता, ये बार-बार जो आंखों को मल के देखते हैं।
- कितने नादां हैं तेरे भूलने वाले कि तुझे, याद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे।
- अब तेरे ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं, कितनी रगबत थी तेरे नाम से पहले-पहले।
- ब-ज़ाहिर एक ही शब है फिराक-ए-यार, मगर कोई गुज़ारने बैठे तो उम्र सारी लगे।
- मोहब्बत मिली तो नींद भी अपनी न रही फ़राज़, गुमनाम ज़िंदगी थी तो कितना सुकून था।
- उसकी आंखों को कभी गौर से देखा है फ़राज़, रोनेवालों की तरह जागनेवालों जैसी।
- हर रोज एक नया शख्स तेरा नाम पूछता है, शायद तुझे भी अब हमसे शिकायत हो गई है।
- ज़िंदगी से यही गिला है मुझे, तू बहुत देर से मिला है मुझे।
- माना कि तुम गुफ्तगू के फन में माहिर हो फ़राज़, वफा के लफ्ज पे अटको तो हमें याद कर लेना।
- अपने ही होते हैं जो दिल पे वार करते हैं फ़राज़, वरना गैरों को क्या खबर कि दिल की जगह कौन सी है।
- उसी शख्स से बस इतना सा ताल्लुक है फ़राज़, वो परेशान हो तो हमें नींद नहीं आती।
- जब-जब उनको पढ़ते हैं, यू ट्यूब पर सुनते हैं तो महसूस होता है वे यहीं हैं।
- ऐसी शायरी कि कलेजे को चीरे तो रेशम की तरह बारिक व धारदार।
- भाए जाए तो ऐसी जैसे कायनात में खिले गुल की तरह नर्म, नाजुक और रंगभरी।
- सुना है रब्त है उसको खराब-हालों से, सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं।
- सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं, ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं।
- कैसा मौसम है कुछ नहीं खुलता बूंदा-बांदी भी धूप भी है।
- अभी खुश हो ऐ दिल कि मोहब्बत तो निभा दी तू ने, लोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले।
- हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम कि तू नहीं था, तेरे साथ एक दुनिया थी।
- टूटा तो हूं मगर अभी बिखरा नहीं ‘फ़राज़’, मेरे बदन पे जैसे शिकस्तों का जाल हो।
- शिकवा जवाब ए शिकवा ग़ालिब वस इक़बाल वस ज़ाहिद अब्बास ज़ैदी।
- ग़ालिब: .. ग़ालिब वस इक़बाल वस ज़ाहिद अब्बास ज़ैदी।
- क्यों ढूंढता फिरता है पीनेवाले को तो शराब?
- क्यों ढूंढता फिरता है पीनेवाले को तो शराब? हरम शे हे, इस की कोई जगह नहीं।
उदासी और ब्रेकअप पर 30+ शायरी – Sad Emotions को Express करने के लिए
Breakup या sadness के time ये lines balm की तरह लगती हैं। Pain को words देती हैं।
- रुके तो गर्दिशें उसका तवाफ करती हैं।
- जब भी दिल खोल के रोए होंगे लोग आराम से सोए होंगे।
- ये ख्वाब है खुशबू है कि झोंका है कि पल है।
- ये धुंध है बादल है कि साया है कि तुम हो।
- किस किस को बताएंगे जुदाई का सबब हम।
- तू मुझ से खफा है तो जमाने के लिए आ।
- बंदगी हम ने छोड़ दी है ‘फ़राज़’, क्या करें लोग जब खुदा हो जाएं।
- आंखों में हया हो तो पर्दा दिल का ही काफी है।
- नहीं तो नकाबों से भी होते हैं इशारे मोहब्बत के।
- तुम्हारी दुनिया में हम जैसे हज़ारों हैं ‘फ़राज़’।
- हम ही पागल थे जो तुझे पा के इतराने लगे।
- मैं क्या कहूं कि मुझे सब्र क्यों नहीं आता।
- मैं क्या करूं कि तुझे देखने की आदत है।
- हम तेरे शौक में यूं खुद को गंवा बैठे हैं।
- जैसे बच्चे किसी त्यौहार में गुम हो जाएं।
- दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है।
- और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता।
- फुरसत मिले तो कभी हमें भी याद कर लेना ‘फ़राज़’।
- बड़ी पुर रौनक होती हैं यादें हम फकीरों की।
- ऐसा डूबा हूं तेरी याद के समंदर में ‘फ़राज़’।
- दिल का धड़कना भी अब तेरे कदमों की सदा लगती है।
- आज इक और बरस बीत गया उसके बगैर।
- जिसके होते हुए होते थे जमाने मेरे।
- वहां से एक पानी की बूंद ना निकल सकी ‘फ़राज़’।
- तमाम उम्र जिन आंखों को हम झील लिखते रहे।
- ये अब जो आग बना शहर शहर फैला है।
- यही धुआं मेरी दीवारों दर से निकला था।
- बदन में आग सी है चेहरा गुलाब जैसा है।
- कि ज़हर-ए-ग़म का नशा भी शराब जैसा है।
- इसे कभी कोई देखे कोई पढ़े तो सही।
जिंदगी और मोटिवेशन पर 20+ शायरी – Life Lessons in Poetry
ज़िंदगी के ups and downs को face करने का courage देती हैं ये lines।
- दिल आईना है तो चेहरा किताब जैसा है।
- मुझ से पहले तुझे जिस शख्स ने चाहा।
- उसने शायद अब भी तेरा गम दिल से लगा रख्खा हो।
- एक बे-नाम सी उम्मीद पे अब भी शायद।
- अपने ख्वाबों के जज़ीरों को सजा रख्खा हो।
- यूं ही मौसम की अदा देख के याद आया है।
- किस कदर जल्द बदल जाते हैं इंसां जानां।
- कितना आसां था तेरे हिज्र में मरना जानां।
- फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते।
- ये ख्वाब है खुशबू है कि झोंका है कि पल है।
- ये धुंध है बादल है कि साया है कि तुम हो।
- जब भी दिल खोल के रोए होंगे लोग।
- आराम से सोए होंगे।
- जिस सिम्त भी देखूं नजर आता है कि तुम हो।
- ऐ जान-ए-जहां ये कोई तुम सा है कि तुम हो।
- किसे खबर वो मोहब्बत थी या रकाबत थी।
- बहुत से लोग तुझे देख कर हमारे हुए।
- हमको अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तेरा।
- कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रख्खे।
- ज़िंदगी तेरी अता थी सो तेरे नाम की है।
- हमने जैसे भी बसर की तेरा एहसान जानां।
- अव्वल अव्वल की मोहब्बत के नशे याद तो कर।
- बे-पिए भी तेरा चेहरा था गुलिस्तान जानां।
- तू सामने है तो फिर क्यों यकीं नहीं आता।
- ये बार-बार जो आंखों को मल के देखते हैं।
क्यों पढ़ें अहमद फ़राज़ की शायरी? मेरा Personal Take
Dosto, stress या heartbreak में मैं इनकी shayari की तरफ रुख करता हूं। ये न सिर्फ entertain करती हैं बल्कि life के harsh truths भी दिखाती हैं। 2025 के digital world में जहां सब superficial है, फ़राज़ की depth real connection देती है। SEO wise, “Ahmad Faraz Shayari in Hindi 2025” जैसे keywords से लोग exactly यही therapeutic content ढूंढते हैं। Next mushaira हो तो इन lines को try करना।