Best 40+ Bachpan Shayari in Hindi

बचपन के दिन भी क्या खूब थे,
दिन भर मस्ती और शरारतें थीं।

खेल-खेल में जो टूटे खिलौने,
अब वो यादें दिल को छूने लगीं।

मिट्टी के घरौंदे और बारिश का पानी,
बचपन की यादें अब भी मनमोहनी।

न चिंता थी न फिक्र कोई,
बचपन में बस मस्ती ही मस्ती होती थी।

बचपन की मासूमियत और हँसी,
अब ढूंढ़ने से भी नहीं मिलती।

वो गुड्डे-गुड़ियों का खेल और हंसी,
अब भी दिल को सुकून देती है।

कागज की नाव और पानी की धार,
बचपन की यादें आज भी प्यारी हैं।

किताबों में लिखी थी जो कहानी,
बचपन के सपनों की थी वो निशानी।

स्कूल की घंटी और दोस्तों की टोली,
बचपन की यादें अब भी दिल में बोली।

माँ की गोद और पापा का प्यार,
बचपन के दिन थे सबसे खास।

छोटी-छोटी बातों में छुपा था जहाँ सारा संसार,
वो बचपन की यादें अब भी हैं शानदार।

गुलेल से निशाना और पतंगों का उड़ना,
बचपन के वो दिन थे कितने हसीं।

टीचर की डांट और दोस्तों की बात,
बचपन का हर लम्हा था खास।

चॉकलेट की खुशबू और टॉफियों का स्वाद,
बचपन के दिन थे सबसे प्यारे और यादगार।

माँ के हाथ की रोटी और खेल में खोना,
बचपन के दिन थे सबसे अनमोल।

होमवर्क से बचने के बहाने,
अब भी याद आते हैं वो जमाने।

बारिश में भीगना और मस्ती में डूबना,
बचपन के वो दिन अब भी दिल को रुलाते हैं।

दोस्तों के साथ खेलना और झगड़ना,
बचपन की यादें अब भी हंसाती हैं।

रात को माँ की कहानियाँ सुनना,
बचपन के वो पल अब भी याद आते हैं।

चुपके से चुराकर मिठाई खाना,
बचपन के दिन थे कितने मस्ताना।

पेड़ पर चढ़ना और फल खाना,
बचपन के वो दिन अब भी याद आते हैं।

स्कूल से घर आने की जल्दी,
माँ की गोद में सोने की मस्ती।

पतंगों की दौड़ और डोर का खिंचाव,
बचपन की वो यादें अब भी दिल के पास हैं।

मासूमियत भरी आँखें और हंसी,
बचपन की वो तस्वीरें अब भी मन को छूती हैं।

पिता की उंगली पकड़ कर चलना,
बचपन के दिन थे सबसे सरल।

बचपन का प्यार और दोस्ती की वो बात,
आज भी दिल में बसी है वो याद।

चंदा मामा की कहानी और तारों की चमक,
बचपन के वो सपने अब भी दिल में हैं।

दोस्तों के संग खेल-खेल में जीना,
बचपन की वो यादें अब भी ताज़ा हैं।

छोटी-छोटी खुशियों में मिलती थी जो खुशी,
अब उसे पाना है कठिन सा।

न दुनिया की चिंता, न कोई डर,
बचपन के वो दिन थे कितने बेख़बर।

खिलौनों की दुनिया और सपनों का संसार,
बचपन के दिन थे कितने निखार।

किताबों में खोजते थे जो ज्ञान,
अब भी याद आता है वो बचपन का मान।

खेतों में दौड़ना और मिट्टी से खेलना,
बचपन के वो दिन थे कितने हसीन।

साइकिल चलाना और दोस्तों के साथ घूमना,
बचपन के वो दिन थे कितने खास।

माँ के आँचल की छांव और पिता का सहारा,
बचपन के वो दिन थे सबसे प्यारा।

छुट्टियों की मस्ती और खेल की बात,
बचपन की वो यादें अब भी हैं साथ।

आइसक्रीम का स्वाद और मिठाई का चस्का,
बचपन के वो दिन थे कितना मस्ताना।

पेड़ की छांव में सो जाना,
बचपन की वो रातें अब भी याद आती हैं।

स्कूल की शरारतें और दोस्तों की टोली,
बचपन की यादें अब भी दिल को भिगोती हैं।

रंग-बिरंगे कपड़े और त्योहार की तैयारी,
बचपन के वो दिन थे कितने प्यारी।

दोस्तों के संग खेल में डूबना,
बचपन के वो पल थे कितने अनमोल।

झूलों की मस्ती और गानों की धुन,
बचपन की वो यादें अब भी ताजा हैं।

न खाने की फिक्र, न नींद की चिंता,
बचपन के दिन थे कितने सरल।

छुट्टियों का इंतजार और खेल की तैयारी,
बचपन के वो दिन थे कितने प्यारी।

पेड़ पर चढ़कर फल तोड़ना,
बचपन के वो दिन अब भी याद आते हैं।

किताबों के बीच छुपी थी जो कहानी,
बचपन के वो सपने अब भी हैं अनजानी।

छोटी-छोटी बातों पर रोना और हंसना,
बचपन की वो मासूमियत अब भी दिल को छूती है।

कागज की नाव और पानी की धार,
बचपन के वो दिन थे कितने शानदार।

टीचर की डांट और माँ का प्यार,
बचपन के वो दिन थे सबसे खास।

दोस्तों की टोली और खेल की मस्ती,
बचपन के वो दिन थे कितने हसीन।

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