Best 100+ Bashir Badr shayari in Hindi – बशीर बद्र की शायरी

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो

Bashir Badr shayari in Hindi: Hello readers, अगर आप शायरी के शौकीन हैं, तो बशीर बद्र का नाम आपके दिल के बहुत करीब होगा। उनकी शायरी में जो सादगी और गहराई है, वो हर किसी के दिल को छू जाती है। बशीर बद्र ने मोहब्बत, जुदाई, ज़िंदगी और इंसानी जज़्बातों को इतने खूबसूरत लहजे में लिखा है कि हर लाइन दिल में उतर जाती है।

उनकी लिखी हुई शायरी सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं होती, उसे महसूस किया जाता है। जब वो कहते हैं “उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो”, तो हर इंसान को लगता है कि ये बात उसके लिए ही कही गई है। अगर आप भी ऐसी ही शायरी की तलाश में हैं जो सीधे दिल से निकली हो और दिल तक पहुंचे, तो बशीर बद्र की शायरी आपके लिए बिल्कुल सही है। इस लेख में आपको उनकी सबसे बेहतरीन और दिल छू जाने वाली शायरियों का खूबसूरत कलेक्शन मिलेगा।

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
तुम तजुर्बा नहीं शायरी करते हो
और हम शायरी में तजुर्बा रखते हैं
हजारों चहरे हैं दुनिया में इंसानों के
हम जिसको याद करते हैं वो सबसे अलग होता है
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
कुछ इस अदा से आज वो पहलू बदल गए
हमने ही ढूंढा था जिन्हें दिल की दवा कह कर
लोग टूट जाते हैं बातों ही बातों में
हमने देखा है आँखों से रिश्तों को मरते
तू जो नहीं है तो कुछ भी नहीं है
ये मान लिया है मगर दिल नहीं मानता
ये इश्क नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
एक आग का दरिया है और डूब के जाना है
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा
अब कोई दर्द बचा ही नहीं
जिसे बयां कर सकूं किसी से
हमने माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगे हम तुमको खबर होने तक
मुस्कराते हुए चेहरों से दिल बहलता है
वरना दीवारों से कौन बात करता है
बहुत ग़ुरूर था हमें अपने कल पर
देखा जो आज, तो आँसू आ गए
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
लोग कहते हैं अब वो पहले सी बात नहीं रही
मैं कहता हूँ अब वो पहले सा साथ नहीं रहा दर्द दिल में छुपाए फिरते हैं
दर्द दिल में छुपाए फिरते हैं
हर किसी से मुस्कराए फिरते हैं
इक पल में टूट जाता है शीशा भरोसे का
फिर सारा उम्र लगता है उसे जोड़ने में
तू बदल गया तो क्या
हम भी कहाँ पहले जैसे रहे
हम को अब लोग नज़रअंदाज़ करने लगे
जब से हमने अपने हक़ में बोलना शुरू किया
छोड़ गए थे जो हमें बीच राह में
आज वही पूछते हैं रास्ता क्या है
हम भी वही हैं फासला रखने वाले
तू ही बदल गया है करीब आने के बाद
तू न आ सका मेरी ज़िंदगी में
पर तेरा नाम हर दुआ में था
इश्क़ करके अब हम भी समझे
दर्द क्या होता है, तन्हाई क्या होती है
जो मिला ही नहीं उसका क्या ग़म
पर जिसने छीन लिया उसका क्या नाम लूँ
हम ने जब भी चाहा खुल कर जीना
लोगों ने तन्हा कर दिया
ज़माना कुछ भी कहे
हमें तो बस तेरा साथ चाहिए
तू ने पूछा नहीं हाल मेरा कभी
अब शिकायत भी नहीं हमको तुझसे
हम तो अब भी वही हैं
मगर अब किसी की ज़रूरत नहीं
तेरे बिना जो गुज़रे वो लम्हे
अब भी दिल पर बोझ हैं
कौन समझेगा दर्द हमारे लफ़्ज़ों में
सबको मतलब है बस हँसी में
कोशिश बहुत की मगर
अब किसी से दिल नहीं लगता
तेरे जाने से जो खालीपन आया
वो अब आदत बन गया है
कभी मुस्कुरा देते हैं ज़माने के लिए
वरना दिल तो आज भी रोता है तेरे लिए
हमने तुझे भुलाने की कसम खाई थी
पर तुझसे मोहब्बत भी सच्ची थी
अब कोई पूछे तो कह देते हैं
सब अच्छा है, क्योंकि सच किसी को पसंद नहीं
वो जो ख़्वाबों में भी आया करता था
अब यादों में भी नहीं आता
तेरा नाम अब भी आता है ज़ुबां पर
मगर अब वो मोहब्बत नहीं बची
हम जिन्हें भूल गए
वो अब भी याद करते हैं
कभी किसी की आँखों में
अपना अक्स देखा था
हमने तो चाहा था ताउम्र साथ तेरा
तूने वक़्त के साथ बदलना ज़रूरी समझा
वो जो कभी अपने थे
अब अजनबी जैसे लगते हैं
अब तो बात भी नहीं होती
और शिकवा भी नहीं
तेरे बिना भी अब जीना सीख लिया
मगर मुस्कराना अब भी नहीं आया तू मिला था कुछ इस तरह
तू मिला था कुछ इस तरह
जैसे खुशबू हो हवा में
तेरी हर बात अब भी दिल में है
पर तुझसे कोई बात नहीं होती
जिसे दिल से चाहा
वो दिल तोड़ गया
तेरे बाद कोई वैसा न मिला
न तुझ जैसा, न तुझ से बेहतर
तेरे इश्क़ की तन्हाई अब भी साथ है
पर तुझसे मोहब्बत की चाहत नहीं रही
तू जो मुस्कुरा देता
तो ज़िंदगी आसान हो जाती
तेरे जाने के बाद
हर मोड़ पर तेरा नाम आया
अब किसी से शिकायत नहीं
क्योंकि उम्मीदें ही दर्द देती हैं
तेरी यादों ने वो असर किया
नींद भी अब जुदा रहने लगी
अब भी तेरी आवाज़
ख्वाबों में दस्तक देती है
तू अगर मिला होता
तो शायद कुछ और होते हम
हम अब भी तेरे इंतज़ार में हैं
पर ये बात तुझ तक नहीं पहुंचेगी
हमसे नफरत ही कर लो
मगर नजरअंदाज न करो
ज़रा सी बात पे लोग कहाँ से कहाँ पहुँच जाते हैं
हम सादगी में भी झूठे नज़र आते हैं
अब कोई मुझसे मोहब्बत नहीं करता शायद
मैंने हर रिश्ते को सच्चाई से निभाया है
वो सख़्स जो अब भी याद आता है
कभी मेरा सब कुछ हुआ करता था
हमने भी ज़िंदगी को बहुत करीब से देखा है
तेरे बिना सब कुछ अधूरा ही देखा है
जिससे सबसे ज़्यादा प्यार किया
उसी ने सबसे ज़्यादा दर्द दिया
हर किसी को पढ़ा है हमने
कोई भी किताब साफ़ नहीं मिली
तू अब भी मेरे ख़्वाबों में आता है
पर तेरी आँखों में अब मेरा घर नहीं
वो जो नज़रें चुराने लगे
समझो अब रिश्ता बदल चुका है
तेरा नाम अब भी दिल में लिखा है
पर तुझसे अब कोई शिकवा नहीं रहा
वो लम्हा जब तू सबसे करीब था
अब सबसे दूर की बात बन गया है
हमसे मत पूछो हमारी मोहब्बत की कहानी
हर लफ्ज़ में तेरी बेवफाई बसी है
तेरे बिना अब कुछ अच्छा नहीं लगता
और तेरे साथ अब मुमकिन नहीं
हमने किसी से बदला नहीं लिया
जो जैसा था, वैसा छोड़ दिया
अब शिकायत करना भी छोड़ दिया है
क्योंकि उम्मीद ही सबसे बड़ा धोखा है
तू जो हँसता था मेरी बातों पर
अब वही बातें तेरे लिए बोझ हैं
जिसे चाहा वही समझ नहीं पाया
और जो समझा, वो कभी हमारा नहीं था
माना के अब किसी का इंतज़ार नहीं
पर तेरी यादें अब भी साथ चलती हैं
अब कोई भी चेहरा सुकून नहीं देता
क्योंकि तू सबसे अलग था
कुछ तो बात थी उस मुस्कान में
जो अब किसी और में नहीं मिलती हमने वो रिश्ता भी निभाया
हमने वो रिश्ता भी निभाया
जिसका कोई नाम नहीं था
तेरा साथ छूट गया
मगर आदत अब भी नहीं गई
हम अब भी तन्हा हैं
तेरे जाने के बाद
तू पास था तब वक़्त कम लगता था
अब हर लम्हा बोझ बन गया है
तेरी चुप्पी भी बहुत कुछ कह जाती है
और मेरी ख़ामोशी सब सह जाती है
अब तुझसे कोई सवाल नहीं
क्योंकि जवाब भी बेमानी हो गए हैं
जिसने सबसे ज़्यादा प्यार जताया
वो ही सबसे पहले छोड़ गया
तेरे बाद किसी और से क्या रिश्ता रखूँ
तू ही सब कुछ था, अब कुछ नहीं बचा
तू अगर पूछे भी तो क्या कहेंगे
तेरे बिना अब कुछ कहने को बचा नहीं
हर किसी के लिए हम क्यों बदलें
जो जैसा है, उसे वैसे ही रहने दो
रिश्तों में अब वो गर्मी नहीं रही
शायद दिलों में जगह नहीं रही
अब किसी से कुछ कहने का मन नहीं
क्योंकि सब कुछ तुझसे ही कहना था
तेरे बाद किसी से कोई उम्मीद नहीं
क्योंकि तू ही आख़िरी था
जिसको चाहा उसने छोड़ दिया
जिसने चाहा, उससे दूर भागा मैं
अब तो तेरी याद भी सताती नहीं
शायद आदत हो गई है तन्हाई की
हमने अब किसी से प्यार नहीं करना
पिछला हिसाब अब तक चुकाया नहीं गया
तेरा होना मेरे लिए सब कुछ था
तेरा जाना सब कुछ छीन ले गया
अब आँखों में आँसू कम हो गए हैं
दिल में दर्द ज़्यादा ठहर गया है तेरी बातों में जो अपनापन था
तेरी बातों में जो अपनापन था
अब किसी की बातों में नहीं मिलता
तेरा नाम अब भी होठों पर आता है
पर तेरे जैसा एहसास नहीं जगाता
तेरे बाद किसी की फिक्र नहीं की
क्योंकि तू ही सबसे क़रीब था
जिसे मैंने सबसे ऊपर रखा
वही सबसे नीचे गिरा
तेरे बिना ज़िंदगी की कोई परिभाषा नहीं
तेरे साथ हर लम्हा जिया था
अब किताबें भी बोझ लगती हैं
क्योंकि तू साथ बैठ कर पढ़ा करता था
तेरी यादों से बाहर नहीं निकल पाया
और लोग कहते हैं आगे बढ़ो
अब किसी को देखकर दिल नहीं धड़कता
तू ही आख़िरी एहसास था शायद
तेरे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा
पर अब कोई अपना सा भी नहीं लगता
तू बहुत कुछ था मेरे लिए
अब बस यादें रह गई हैं तेरी
हर लम्हा तुझसे जुड़ा था
अब हर पल तेरे बिना अधूरा है
कभी सोचा था साथ जिएँगे
अब सोचते हैं तुझको भुलाएँ कैसे
तू मुस्कराता था जब मेरा नाम लेता
अब कोई नाम लेकर मुस्कराता नहीं
तुझसे मोहब्बत अब भी है
पर इज़हार का वक़्त नहीं रहा
वो बात अब किसी में नहीं
जो तुझमें थी
हमने तुझसे जो दिल लगाया
अब वही दिल संभलता नहीं
हर मोड़ पर तेरा नाम आता है
और मैं मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाता हूँ
तेरी खामोशी को भी समझते थे
अब तो तेरी आवाज़ भी अजनबी लगती है
जो तुझसे जुड़ी थी बातें
अब किसी से कहने का मन नहीं होता Also Check:- Best 100+ Farewell Shayari in Hindi with Images [2025]

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *