आज मैं आपके लिए Nafrat Shayari in Hindi with Images लेकर आया हूँ। नफरत शायरी उन जज़्बातों को बयां करती है जो दिल में दर्द और खफा के रूप में रहते हैं। यह शायरी सीधे दिल की गहराईयों से निकलती है और सच्चाई को सामने लाती है। इस संग्रह में आपको कॉपी और पेस्ट करने योग्य शायरी मिलेगी, जिसे आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
Nafrat Shayari पढ़कर आप अपने भावनाओं को शब्दों में व्यक्त कर सकते हैं। Images के साथ यह शायरी और भी प्रभावशाली और आकर्षक बन जाती है।
नफ़रत के अंधेरे में खो गया दिल मेरा
किसी ने जलाया था जज़्बातों का दिया मेरा
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा सफ़र
अब राहों में बस यादें और ग़म का असर
दिल में छुपी नफ़रत ने ज़ख्म दिए गहरे
अब तो हर पल यादों के साये हैं बने
जो चाहा था कभी, वही तो नफ़रत बना
मोहब्बत के बदले मिली ये तन्हाई का सिला
नफ़रत के जाल में फंस गया दिल मेरा
अब कोई नहीं है, बस दर्द का सहारा मेरा
तुम्हारी नज़रों में था जो नफ़रत का सिला
उसने ही तो दिया था दिल को ये घाव का मिला
नफ़रत की आग ने जला दिया हर एहसास
अब बस खामोशी में छुपा है दिल का विश्वास
वो नफ़रत जो छुपी थी लफ़्ज़ों के पीछे
अब खुलकर सामने आई है दिल के नज़दीक
दिल से निकली थी मोहब्बत की आहट
मिली बदले में नफ़रत की कराहट
नफ़रत की इन राहों में खो गया हूँ मैं
अब तो बस तन्हाई ही साथ है मेरे
जो दिन थे सुहाने, अब नफ़रत के रंग में
रंग गए हैं सारे ख्वाब इस जुदाई के संग में
तुम्हारी नफ़रत ने मिटा दिया मेरा आसमां
अब तो बस बचा है अधूरा एक अफसाना
नफ़रत के समुंदर में डूब गया दिल मेरा
बिना किनारे के सफ़र में खो गया सवेरा
दिल के कोने में छुपी नफ़रत की आग है
जो जला गई हर ख्वाब, हर दिन कीraag है
तुम्हारी नफ़रत की छाया में जी रहा हूँ
मोहब्बत का कोई रंग अब नहीं दिख रहा हूँ
जो चाहा था दिल ने, वो नफ़रत बन गया
अब तो बस एक तन्हा साया बन के रह गया
नफ़रत की बारिश में भीग गया ये दिल मेरा
अब कोई नहीं बचा जो समझ सके दिल मेरा
तुम्हारी नज़रों में था जज़्बातों का तोड़
जिसने दिल को दिया था ग़मों का सौद
नफ़रत के साए में छुपा है दिल मेरा
जो ढूंढता है अब बस सुकून का सहारा
मोहब्बत की जगह नफ़रत ने ली है जगह
अब तो बस ग़मों का है राज़ दिल के पेड़
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा था हर रिश्ता
अब तो बस तन्हाई है मेरी सच्चा क़िस्सा
दिल के दरमियाँ नफ़रत की दीवारें बनीं
जिससे होकर गुज़रना अब मुमकिन नहीं
जो था कभी मेरा अपना, अब है दुश्मन
नफ़रत की आग में जल रहा है ये मन
तुम्हारी नफ़रत का असर दिल पर छाया
अब तो बस दर्द ही मेरे साथ आया
नफ़रत की लपटों में जल गया हर ख्वाब
मोहब्बत का जो था कभी अजब सवाल जवाब
दिल की गलियों में नफ़रत का सन्नाटा है
जिसने मिटा दिया था मोहब्बत का हर ख़ता है
तुम्हारी नफ़रत का रंग कितना गहरा
जिसने बनाया मुझे एक तन्हा सहरा
नफ़रत के जहर ने काटा है दिल मेरा
अब तो बस बचे हैं आंसू और वेदना के सहरा
जो दिल में था कभी प्यार का बसेरा
अब खो गया सब नफ़रत के साए में धुंधेरा
नफ़रत की आग में जलते हैं अरमान मेरे
जिसने दिया मुझे ये सजा, वही तो थे मेरे
दिल की गहराइयों में नफ़रत ने दी दस्तक
जिसने मारा मुझे दर्द का पहला लहजा
तुम्हारी नफ़रत की वजह से टूटा दिल
अब तो बस बचा है एक अधूरा सिलसिला
नफ़रत की लहरों में डूब गया ये जहाज़
जिसने दिया मुझे ग़म, वही था मेरा साज़
जो कभी था पास मेरा, अब दूर रहा
नफ़रत की खाई में खुद को खो दिया
दिल से निकली दुआ अब नफ़रत बन गई
जिसे चाहा था ज़िंदगी, वो दूर चली गई
नफ़रत के साये में जी रहा हूँ मैं
अब तो बस तन्हाई मेरी कहानी है
तुम्हारी नफ़रत ने मारा है दिल मेरा
अब तो बस ग़म ही है मेरा सहारा
नफ़रत के रंगों ने मिटा दिया प्यार
अब तो बस बचा है यादों का गुज़र
दिल में छुपी नफ़रत ने दिया ज़ख्म गहरा
जिसे सहा नहीं गया, वो दर्द अब सवेरा
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा हौसला
अब तो बस बचा है एक अधूरा मोसला
नफ़रत की आग ने जलाया हर ख्वाब
अब तो बस बचा है एक टूटा सा जवाब
जो था कभी दिल के करीब, अब है दूर
नफ़रत ने बनाई है दूरी की दीवारें भूर
दिल के अरमानों में छुपी नफ़रत की छाया
जिसने मिटा दिया मेरी हर माया
तुम्हारी नफ़रत ने छीना मेरा सब कुछ
अब तो बस बचा है दर्द का झुकाव
नफ़रत की लहरों ने बहा दिया दिल मेरा
जिसने दिया मुझे ये दर्द, वो था मेरा
दिल की गलियों में नफ़रत का सन्नाटा है
जिससे अब जुड़ना नहीं चाहता ये दिल मेरा
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा वजूद
अब तो बस बचा है एक तन्हा सुखद
नफ़रत के रंगों ने मिटा दिया हर रंग
अब तो बस बचा है अकेलेपन का संग
दिल की गहराइयों में नफ़रत ने दी चोट
जिसे सहा नहीं गया, वो दर्द की चोट
तुम्हारी नफ़रत की आग ने जलाया मन
अब तो बस बचा है एक टूटा हुआ मन
नफ़रत के साए में जी रहा हूँ मैं
अब तो बस तन्हाई ही है मेरी दुनिया
तुम्हारी नफ़रत ने मारा है दिल मेरा
अब तो बस बचा है एक अधूरा सवेरा
नफ़रत की आग ने जला दिया हर रिश्ता
अब तो बस बचा है एक टूटा सा हिस्सा
दिल के दरमियाँ नफ़रत की दीवारें बनीं
जिससे होकर गुज़रना अब मुमकिन नहीं
जो था कभी अपना, अब है दुश्मन
नफ़रत की आग में जल रहा है ये मन
तुम्हारी नफ़रत का असर दिल पर छाया
अब तो बस दर्द ही मेरे साथ आया
नफ़रत की आग ने जला दिया मेरा दिल
हर खुशी हुई धुंधली, हर ख्वाब हुआ खलिल
तुम्हारी नज़रों में था कोई ग़ुस्सा छुपा
जिसने दिल को किया बेरहम तोड़ सा दिया
नफ़रत के साए में छुपा मेरा ज़हर था
जो बह गया आंखों से, वो अश्क मेरा कहर था
मोहब्बत के बदले मिला बस ये नफ़रत का सफर
दिल टूटा, जला, बिखरा, सब कुछ हुआ बेअसर
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा हर रिश्ता हमारा
अब तो हर ख्वाब भी लगता है अधूरा सहारा
नफ़रत की राहों में खो गया मेरा जूनून
जिसने दिया ये सब, उसका अब नहीं कोई जुनून
दिल के वीराने में नफ़रत का बसेरा है
जिसमें हर खुशी अब दिखती है अकेलेपन का सवेरा है
तुम्हारी नफ़रत की आग में झुलसा हर सपना
अब तो बस बचा है एक टूटा हुआ जज़्बा
नफ़रत ने मिटा दिया मोहब्बत का रंग
दिल के आंगन में छा गया ग़म का संग
जो था कभी मेरा, अब है ग़ायब मेरा
नफ़रत की दीवारें बना दीं, खत्म हुआ सवेरा
नफ़रत की इस दुनिया में कहीं खो गया मैं
जहाँ ना थी कोई चाहत, ना थी कोई जज़्बा
तुम्हारी नफ़रत ने दिल के सारे फूल तोड़े
अब तो बस बचे हैं यादों के जख्म जोड़े
नफ़रत के साए में तन्हाई का आलम है
जिसने किया धोखा, उसका अब कोई सलाम है
दिल की गलियों में नफ़रत का सन्नाटा छाया
जिसने दिया धोखा, उसका अब कोई माया नहीं बचा
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा हर ख्वाब
अब तो बस बचा है एक अधूरा जवाब
नफ़रत की आग ने सबकुछ जलाया
जो था कभी मेरा, आज सब खोया पाया
दिल के जज़्बातों में नफ़रत का असर है
जिसे सहा नहीं जाता, वो दर्द अब कहर है
तुम्हारी नफ़रत ने मारा, मेरा हौंसला भी टूटा
अब तो बस बचा है एक टूटे हुए दिल का सूता
नफ़रत की इन गलियों में खो गया मैं
जहाँ ना थी कोई राह, ना कोई ठिकाना
दिल के कोने में छुपी नफ़रत की आग है
जो जला गई हर खुशी, हर पल की छाँव है
तुम्हारी नफ़रत का असर दिल पे गहरा है
जिससे मिटा दी हर खुशी की पेड़ा है
नफ़रत ने तोड़ा मेरा विश्वास का दामन
अब तो बस बचा है एक टूटा हुआ अरमान
दिल की धड़कनों में नफ़रत का समंदर है
जिसमें डूब गया मैं, खो गया ये लम्हा मेरा
तुम्हारी नफ़रत के साए में जी रहा हूँ मैं
अब तो बस तन्हाई ही मेरी दुनिया है
नफ़रत की ये आग बुझाएगा कौन
जो दिल में छुपी है, उसको समझाएगा कौन
दिल के जज़्बातों में नफ़रत ने दी चोट
जो सहा नहीं गया, वो ग़मों का सौद
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा हौसला
अब तो बस बचा है एक टूटा हुआ मोसला
नफ़रत की इन राहों में मैं खो गया
जहाँ ना थी कोई मंज़िल, ना कोई सहारा
दिल की गहराइयों में नफ़रत का राज़ है
जिसे खोलना मुश्किल, वो दिल का ताज़ है
तुम्हारी नफ़रत ने मिटा दिया प्यार मेरा
अब तो बस बचा है ग़मों का सहारा तेरा
नफ़रत की आग में जलते हैं अरमान सारे
जिसने दिया मुझे ये दर्द, वही थे हमारे
दिल के कोने में नफ़रत ने दी दस्तक
जिससे मारा मुझे, वो था मेरा सबसे बड़ा लहजा
तुम्हारी नफ़रत की वजह से टूटा दिल मेरा
अब तो बस बचा है एक अधूरा सिलसिला
नफ़रत के जहर ने काटा है दिल मेरा
अब तो बस बचे हैं आंसू और वेदना के सहरा
जो दिल में था कभी प्यार का बसेरा
अब खो गया सब नफ़रत के साए में धुंधेरा
नफ़रत की आग में जलते हैं अरमान मेरे
जिसने दिया मुझे ये सजा, वही तो थे मेरे
दिल की गहराइयों में नफ़रत ने दी दस्तक
जिसने मारा मुझे दर्द का पहला लहजा
तुम्हारी नफ़रत की वजह से टूटा दिल
अब तो बस बचा है एक अधूरा सिलसिला
नफ़रत की लहरों में डूब गया ये जहाज़
जिसने दिया मुझे ग़म, वही था मेरा साज़
जो कभी था पास मेरा, अब दूर रहा
नफ़रत की खाई में खुद को खो दिया
दिल से निकली दुआ अब नफ़रत बन गई
जिसे चाहा था ज़िंदगी, वो दूर चली गई
नफ़रत के साए में जी रहा हूँ मैं
अब तो बस तन्हाई मेरी कहानी है
तुम्हारी नफ़रत ने मारा है दिल मेरा
अब तो बस ग़म ही है मेरा सहारा
नफ़रत के रंगों ने मिटा दिया प्यार
अब तो बस बचा है यादों का गुज़र
दिल में छुपी नफ़रत ने दिया ज़ख्म गहरा
जिसे सहा नहीं गया, वो दर्द अब सवेरा
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा हौसला
अब तो बस बचा है एक अधूरा मोसला
नफ़रत की आग ने जलाया हर ख्वाब
अब तो बस बचा है एक टूटा सा जवाब
जो था कभी दिल के करीब, अब है दूर
नफ़रत ने बनाई है दूरी की दीवारें भूर
दिल के अरमानों में छुपी नफ़रत की छाया
जिसने मिटा दिया मेरी हर माया
तुम्हारी नफ़रत ने छीना मेरा सब कुछ
अब तो बस बचा है दर्द का झुकाव
नफ़रत की लहरों ने बहा दिया दिल मेरा
जिसने दिया मुझे ये दर्द, वो था मेरा
दिल की गलियों में नफ़रत का सन्नाटा है
जिससे अब जुड़ना नहीं चाहता ये दिल मेरा
तुम्हारी नफ़रत ने तोड़ा मेरा वजूद
अब तो बस बचा है एक तन्हा सुखद
नफ़रत के रंगों ने मिटा दिया हर रंग
अब तो बस बचा है अकेलेपन का संग
दिल की गहराइयों में नफ़रत ने दी चोट
जिसे सहा नहीं गया, वो दर्द की चोट
तुम्हारी नफ़रत की आग ने जलाया मन
अब तो बस बचा है एक टूटा हुआ मन
नफ़रत के साए में जी रहा हूँ मैं
अब तो बस तन्हाई ही है मेरी दुनिया
तुम्हारी नफ़रत ने मारा है दिल मेरा
अब तो बस बचा है एक अधूरा सवेरा
नफ़रत की आग ने जला दिया हर रिश्ता
अब तो बस बचा है एक टूटा सा हिस्सा
दिल के दरमियाँ नफ़रत की दीवारें बनीं
जिससे होकर गुज़रना अब मुमकिन नहीं
जो था कभी अपना, अब है दुश्मन
नफ़रत की आग में जल रहा है ये मन
तुम्हारी नफ़रत का असर दिल पर छाया
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